Talmakhaana Ke Fayde:- हमारे आयुर्वेद में बहुत से ऐसे जड़ी-बूटियाँ है जिसके उपयोग से आप अनेक रोगों की समस्या को दूर कर सकते है जैसे कि अश्वगंधा, सफ़ेद मूसली और इन्ही में से कुछ ऐसी भी जड़ी-बूटियाँ है जिसके बारे में बहुत लोगों को जानकारी नहीं होती है और इसके फायदे भी बहुत ज़्यादा होते है। तो इन्ही में से एक जड़ी बूटी-बूटी का नाम है तालमखाना या कोकिलाक्ष आज इस पोस्ट में हम आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
तालमखाना एक औषिधि है जिसके उपयोग से कई प्रकार के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है, इसके और भी नाम है जिसके बारे में आगे इसी पोस्ट में बताया गया है। इसका उपयोग रक्त विकार, मूत्र सम्बन्धी रोग, पीलिया और सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। काफी लोगों को ऐसा लगता है कि मखाना और तालमखाना दोनों का मतलब एक ही होता है जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है ये दोनों ही एक दूसरे से भिन्न है।
ये जड़ी-बूटी आपको नदी, तलाब या ताल के आस-पास में मिल सकती है, इसके नील रंग के फूल होते है और लम्बी जड़े होती है। ये आपको चूर्ण के रूप में भी मिल जाएगा इसके लिए आप किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर जा सकते है या फिर हमने आपको कुछ बेस्ट तालमखाना चूर्ण पाउडर बताये हुए है आप उन्हें ऑनलाइन आर्डर कर सकते है।

तालमखाना क्या है?
तालमखाना या कोकिलाक्ष एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषिधि है, जिससे वाजीकरण या यौन संबधी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है केवल इतना ही इसके उपयोग से सूजन, दस्त, गठिया और मूत्र संबधी रोगों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
ये सबसे अधिक नदी या पानी के आस-पास वाले क्षेत्र में अपने आप ही उग जाते है काफी लोग इसे काट पर फेक भी देते है, जबकि इसके अनेक प्रकार के लाभ भी मिलते है। तालमखाना के बीज को पीसकर इसका चूर्ण तैयार कर लिया जाता है।
उसके बाद जरुरत अनुसार बाकी जड़ी-बूटी को मिलाकर इससे कई प्रकार के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। अगर आपके घर के आस-पास में कोई नदी या तलाब हो तो आप तालमखाना का चूर्ण अपने घर पर ही बना सकते है।
तालमखाना के अन्य नाम क्या है?
भारत में तालमखाना को अनेक नामों से जाना जाता है जैसे सबसे पहले आपको तालमखाना का दूसरा नाम कोकिलाक्ष भी बताया गया था। मगर ऐसा नहीं है कि इसके केवल दो ही नाम है इसी तरह के और भी नाम है जो हमनें आपको निचे बताये है।
इससे आपको इसे पहचानने में आसानी हो जायेगी यदि आप तालमखाना को किसी और भी नाम से जानते है तो उसे निचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताये।
हिंदी | तालमखाना, कोकिला आँख गोकुलकाँटा, जुलीआकाण्टा, |
अंग्रेजी | लॉन्ग लीव्ड बारलेरिया (Long leaved barleria), तालमखाना (Talmakhana) |
वैज्ञानिक नाम | Asteracantha longifolia |
संस्कृत | कोकिलाक्ष, काकेक्षु, इक्षुर, क्षुर, भिक्षु, काण्डेक्षु, |
कन्नड़ | कोलावलिके (Kolavalike), बलिकेल (Balikel) |
गुजराती | एखरो (Ekharo), आखो (Aakho) |
तमिल | निरमुल्ली (Neermulli) |
तेलुगु | कोकिलाक्षी (Kokilakshi), कोकिलाक्षमु (Kokilaksamu), नीरुगुब्बी (Neerugubbi) |
बंगाली | कुलियाखारा (Kulekhara), कण्टकलिका (Kantakalika) |
नेपाली | तालमखाना (Talamkhana) |
पंजाबी | तालमखाना (Talmakhana) |
तालमखाना में पाए जाने वाले पोषक तत्व

आइये अब जानते है कि तालमखाना में कितने और कौन-कौन से पोषक तत्व होते है, तो जैसा कि अब तक आप समझ ही चुके होंगे की तालमखाना का सेवन करने से हमारे शरीर को अनेक लाभ मिलते है और इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पानी, आयरन, सोडियम और फास्फोरस ये सभी पोषक तत्व पाए जाते है।
तालमखाना के फायदे ()
तालमखाना के उपयोग से आप कई प्रकार के रोगों से छुटकारा पा सकते है, इनके बारे में जानने के लिए निचे बताये गए तालमखाना के फायदे या तालमखाना चूर्ण से होने वाले के बारे में जरूर पढ़े :-
#1. रक्त सम्बन्धी रोगो में काम आता है
अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को रक्त से सम्बंधित कोई रोग हुआ है तो उन्हें आप रोजाना 1-2 ग्राम तालमखाना चूर्ण का उपयोग करने की सलाह दे सकते है, इससे रक्त विकारो में काफी लाभ मिलता है। मगर इसका सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लीजिये।
#2. अनिद्रा को दूर करता है
अनिद्रा एक ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को नींद न आने की समस्या होने लगती है इसके लिए आपको तालमखाना बहुत ही लाभ देगा, जिसके लिए आपको तालमखाना का उपयोग करके एक काढ़ा बनाना होगा और उसका रोज सेवन करने से आपका सारा तनाव और अनिद्रा दूर हो जाएगा।
काढ़ा बनाने के लिए आप काकजंघा, अपामार्ग, तालमखाना तथा सुपर्णिका को मिलाकर काढ़ा बना लीजिए और रोजाना इसे पानी में मिलाकर पीजिये आपको असर जरूर दिखेगा।
#3. शरीर की सूजन को कम करता है
कई बार चोट लगने के वजह से हमारे हाथ या पाँव में सूजन हो जाती है जिसके वजह से वो अंग बहुत ही दर्द भी करता है। तो सूजन में आराम और दर्द कम करने के लिए आप आयुर्वेदिक इलाज करना चाहते है तो ऐसे में आप तालमखाना के पाउडर को पानी में मिलाकर पिए इससे आपको बहुत ही आराम मिलेगा।
#4. रुमेटाइड अर्थराइटिस में भी आराम दिलाता है
रुमेटाइड अर्थराइटिस एक गंभीर बीमारी है जिसमे किसी भी उम्र के व्यक्ति को जोड़ो का दर्द होना शुरू हो जाता है, आज कल हमारे देश में इस रोग से काफी लोग परेशान है अगर आपको इस बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज करना है।
तो उसके लिए आप तालमखाना को पीसकर अपने जोड़ों पर या जिस भी अंग पर दर्द रहता है वहाँ पर लगाए ऐसा करने से आपको उस दर्द से बहुत जल्द ही आराम मिलेगा।
#5. गठिया का इलाज करता है
यदि आप गठिया के दर्द से परेशान है तो ऐसे में आपको तालमखाना जरूर इस्तेमाल करना चाहिए इसके सेवन करने से आपको गठिया के दर्द में बहुत ही जल्दी आराम देखने को मिलता है।
गठिया का इलाज करने के लिए आप तालमखाना का रास और तालमखाना शाक का सेवन करें इससे आपको लाभ जरूर मिलेगा इसके अलावा और भी काफी तरीके है जिससे आप तालमखाना का उपयोग करके ही गठिया का इलाज कर सकते है।
#6. स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है
स्पर्म काउंट कम होने में हमारे जीवनशैली और आहार सबसे ज़्यादा महत्व करते है, यदि ये आप इन दोनों चीजों का ध्यान रखते है तो आपको कभी भी स्पर्म काउंट कम जैसी समस्या नहीं हो सकती है। मगर अब अगर आपके स्पर्म काउंट कम हो गए है तो इसमें आपको तालमखाना बहुत ही मदद करेगा।
इसके लिए आप तालमखाना बीज चूर्ण में समान मात्रा में सफेद मूसली चूर्ण तथा गोखरू चूर्ण इन सभी चीजों को एक सामान मात्रा में लेकर पाउडर बना लीजिये अब आप इसे रोजाना दूध के साथ सेवन करें ऐसा करने से आपके वीर्य की संख्या भी बढ़ेगी और आप खुद को पहले से अधिक तंदुरस्त महसूस करेंगे।
#7. सेक्स क्षमता बढ़ा देगा तालमखाना
आज कल आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनकी सेक्स करने की क्षमता कम हो चुकी है और इसका इलाज भी संभव है मगर काफी लोग शर्म के वजह से दूसरे लोगों को बताना नहीं चाहते है। इसी तरह से इस रोग से लड़ते रहते है ये इस समय अधिकतर कम 20-25 उम्र वाले पुरुष में भी देखने को मिल रहा है।
सेक्स क्षमता बढ़ने के लिए आपको तालमखाना का उपयोग कर सकते है जिसके लिए आपको तालमखाने के बीज, कौंञ्च के बीज, गोखरू, काली मूसली, शतावरी, शालमपंजा, चोपचीनी, बादाम, चिरौंजी, इलायची, खसखस, केशर, जायफल, जावित्री, तज तथा गिलोय सत् इन सभी चीजों को एक समान मात्रा में मिलाकर पाउडर बना लेना है और रोजाना शाम को भोजन करने के बाद गर्म दूध में मिलाकर इसे पी लीजिये।
#8. मधुमेह या डायबटीज में जरूर उपयोग करें तालमखाना
मधुमेह एक ऐसा रोग है जो जीवन भर रहता है इसे हमेशा आपको कण्ट्रोल में करके रखना पड़ेगा, यदि ये थोड़ा बहुत भी कम या ज़्यादा होता है तो इसके वजह से आपको ससमय हो सकती है। कई लोग मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए एलोपैथिक की टेबलेट का सेवन करते है।
जबकि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के उपयोग द्वारा आप इस पर नियंत्रण पा सकते है इसके लिए आप तालमखाना का बीज से चूर्ण बना लीजिये और रोजाना इसका सेवन करने से आपको मधुमेह के रोग में रहत जरूर मिलेगी।
#9. मूत्र सम्बन्धी रोग में राहत दिलाता है
मूत्र संबधित लोग जैसे कि यूरिन करते समय जलन होना, दर्द होना या यूरिन रुक-रुक कर आता है इन सभी रोगो से छुटकारा पाने के लिए आप तालमखाना का उपयोग कर सकते है।
इसके लिए आपको गोखरू, तालमखाना तथा एरण्ड की जड़ को दूध में मिलाकर पीना है इससे आपको यूरिन से संबधित जितने भी रोग हो रहे है उन सभी से आप छुटकारा पा सकते है।
#10. दस्त रोकने में काम आता है तालमखाना
कई बार बाहर का भोजन करने के वजह से या घर में ही तेल वाला खाना खाने के वजह से दस्त होना शुरू जाते है जिससे बार-बार बाथरूम जाने के वजह से आपको कमजोरी भी महसूस होने लगती होगी।
अगर आप दस्त से तुरंत आराम पाना चाहते है तो उसके लिए आप तालमखाना के चूर्ण को दही से साथ मिलाकर सेवन करें ऐसा करने से आपको दस्त में तुरंत ही आराम मिलेगा।
#11. साँस लेने में तकलीफ है तो इसका उपयोग करें
आपने देखा होगा की काफी लोग ऐसे होते है जो थोड़ा-बहुत ही चलने या दौड़ने पर भी उनकी सांस बहुत तेज चलने लगती है या आपको अन्य साँस से संबधित ही बीमारी है तो इसके लिए आप तालमखाना का बीज और शहद को एक साथ सेवन करें ऐसा करने से आपकी सांस की बीमारी सही हो जायेगी।
#12. खांसी का इलाज कर सकता है
अगर आपको बहुत दिनों से खांसी हो रही है और डॉक्टर से दवा लेने के बाद भी वो सही नहीं हो रही है तो इस मामले में आप खांसी का आयुर्वेदिक इलाज भी कर सकते है जिसमें आप शहद और तालमखाना का चूर्ण को मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से आपकी खांसी सही हो जायेगी।
#13. कमर दर्द में आराम दिलाता है
अगर आपको चोट लगने के वजह से कमर में दर्द हो रहा है या आप कोई ऐसा काम करते है जिसमे आपको पूरा दिन कुर्सी पर बैठकर काम करना होता है, इसी वजह से आपके कमर में दर्द होना शुरू हो गया है तो आप इसका इलाज तालमखाना से भी कर सकते है।
इसके लिए आप तालमखाना के पत्ते को पीसकर कमर पर लगाए ऐसा करने पर आपको कमर के दर्द से बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
#14. किडनी के रोग को ठीक करता है
अगर आपको किडनी से संबधित कोई रोग हुआ है तो उसके लिए आप तालमखाना का उपयोग कर सकते है, इससे आपको किडनी के रोग में बहुत ही रहत मिलती है, ये आपकी किडनी को स्वस्थ भी रखता है।
#15. पीलिया के लिए फायदेमंद
पीलिया ऐसा रोग होता है जिसमें हमारे शरीर पूरा पीला पड़ने लगता है, अगर आप पीलिया का इलाज तालमखाना से करना चाहते है तो उसके लिए आप तालमखाना का काढ़ा बनाकर उसका सेवन करे इससे आपको पीलिया में जरूर आराम मिलेगा।
तालमखाना के नुक्सान (Talmakhana Side Effects):-
तालमखाना एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी और आप लोग जानते ही होंगे की किसी भी आयुर्वेदिक चीज कभी कोई साइड इफेक्ट्स नहीं करती है मगर आप इसका सेवन सही मात्रा में नहीं करते है तो इसके वजह से आपके पेट में दर्द, या पेट ख़राब होने की समस्या हो सकती है।
तालमखाना का सेवन कैसे करें?
जैसा कि हमने आपको तालमखाना के फायदे में बहुत से ऐसे लोग बताये है जिसमें आप तालमखाना का उपयोग करके उस रोग को सही कर सकते है, मगर उसमें भी आपको ये मालूम होना चाहिए की तालमखाना की कितनी मात्रा होनी चाहिए।
यदि आप अपनी मन मर्जी से इसका सेवन कर रहे है तो हो सकता है की ये उतना असर न करें इसीलिए हमें तालमखाना का सेवन कैसे करना है इसके बारे में पूरी जानकारी होनी जरुरी है।
और इन चीजों के बारे सही जानकारी आपको हमेशा एक आयुर्वेदिक चिकित्सक ही दे सकता है इसीलिए आप पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लीजिये उसके बाद ही इसका सेवन करें।
तालमखाना चूर्ण की प्राइस और कहाँ से ख़रीदे ?

इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको पता चल चूका होगा की तालमखाना कितनी महतवपूर्ण चीज है अब अगर आप इसे खरीदना चाहते है तो उसके लिए आप इसे किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर से खरीद सकते है,
यदि आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते है तो उसके लिए आपको 100 ग्राम वाला तालमखाना के बीज का पैकेट ₹180 में ले सकते है ये तालमखाना की प्राइस मैंने आपको अमेज़न साइट से देखकर बताई है जो समय के साथ कम या ज़्यादा हो सकती है।
FAQ
1) तालमखाना खाने से क्या फायदा मिलता है?
तालमखाना के फायदे के बारे में हमने आपको इस पोस्ट में पूरी जानकारी दी है और इससे आप सेक्स संबधित रोग, मूत्र सम्बन्धी रोग और दस्त, किडनी जैसे रोगों को ठीक कर सकते है।
2) तालमखाना कैसे खाया जाता है?
तालमखाना को खाने के लिए कई प्रकार है जैसे की आप इसका चूर्ण बनाकर दूध के साथ सेवन कर सकते है या इसका काढ़ा भी बनाकर पिया जा सकता है।
3) तालमखाना की तासीर क्या होती है?
तालमखाना की तासीर ठंडी होती है।
4) मखाना और तालमखाना में क्या अंतर है?
मखाना और तालमखाना दोनों में बहुत अंतर होता है, मखाना दिखने में कुछ पॉपकॉर्न के जैसा होता है और तालमखाना बीज के जैसा दीखता है।
निष्कर्ष :-
तालमखाना का सेवन करके आप अनेक प्रकार के रोग से छुटकारा पा सकते है, इसके लिए हमने इस पोस्ट में आप लोगो को तालमखाना के फायदे और नुकसान (Talmakhana Benefits & Side Effects In HIndi) के बारे में पूरी जानकारी दी हुई है जो आप लोगों को जरूर पसंद आयी होगी।